6 comments
'फैज़' पर ब्लॉग .. बुकमार्क कर लिया है इसे .. आपका आभार .
फैज़ मेरे पसंदीदा शायर इसलिए रहे हैं कि वे प्रेम और विद्रोह दोनों को एक साथ प्रस्तुत करते हैं .. बगावत की बात करते हुए भी मानवीय संवेदनाओं और उसके कोमल पक्ष को नहीं भूलते .. उनकी क्रांति में भी रूमानियत भरी है ..
यह भी संयोग है कि जिस नज़्म का जिक्र हुआ है (दश्त-ए-तन्हाई में, ऐ जान-ए-जहाँ लरजाँ है) , यह फैज़ की पहली नज़्म थी जिसे मैंने सुना था (वह भी इक़बाल बानो की मखमली आवाज़ में ) .
बहुत खूब.........................
काबिले तारीफ...............
शुक्रिया इस पूरे ब्लॉग के लिए.
अनु
क्या खूब ब्लाग है। अपने पसंदीदा शाइर को आपके ब्लाग पर देखना सुखद लगा। बधाई स्वीकार करें और निरंतरता बनाए रखें। शुभकामनाएं
फ़ैज़ साहब की रूह को सलाम करता एक बहुत स्तरीय ब्लॉग। आपको धन्यवाद...साधुवाद भी।
काबिले तारीफ...............
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इन्तिसाब

फैज़ अहमद "फैज़" और उनकी शायरी के नाम !!!
ये सुख़न जो हमने रक़म किये ये हैं सब वरक तेरी याद के...
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जानकारी के ज़रिये
- सारे सुख़न हमारे - राजकमल प्रकाशन
- फैज़ अहमद फैज़ - प्रतिनिधि कविताएँ - राजकमल प्रकाशन
- Faiz Ahmed Faiz - Wikipedia
- Various Other Sites on the Internet
फ़ैज़ के प्रमुख कविता संग्रह
दस्त-ए-सबा (1952)
ज़िन्दाँनामा (1956)
दस्त-ए-तह-ए-संग (1964)
सर-ए-वादी-ए-सीना (1971)
शाम-ए-शहर-ए-याराँ (1978)
मेरे दिल मेरे मुसाफ़िर (1980)
ग़ुबार-ए-अय्याम (1985)
फ़ैज़ की एक अदना सी मुरीद
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